Menu
blogid : 19606 postid : 813941

सच या धोखा

deepti saxena
deepti saxena
  • 54 Posts
  • 183 Comments

गंदगी की बिसात है, या मटमैला जाल, अज़गर और सांपो से भी ज्यादा है खतरनाक फितरत इनकी.
कहते कुछ , करते कुछ , चाल क्या है इनकी? विपक्ष है सिर्फ दहाड़ने को.
कलात्मकता है ही कहा, पार्लमेंट नहीं, जूतो और बकवास की है जमात .
कभी ऍफ़, दी आई, तो कभी “अच्छे दिन ” पर ही है नयी बिसात.
कुर्सी का है सिर्फ “शंकनाद “कब सुधरो के तुम भारत माता के ” कपूत ” महान.
सीमा पर मरते है ” हमारे ” जवान, पाक को कब दोगे करारा जबाब.
देश की बिटिया आज भी होती है ” बेआबरू” , शिक्षा के लिए आज भी है ज़ंग जारी.
मूलभूत सुविधाओ से आज भी कोसो दूर है हमारी “मिट्टी ” की शान, गावो में है अगर हमारी आत्मा.
तो कब बजेगा वहा विकास का डंडा.
मत खेलो देश से तुम, विपक्ष है ताकत, आत्मा को लो जगा, कुर्सी के लिए नहीं देश के लिए उठा मुद्दा.
टुकड़ो में नहीं हाथ मिलाओ एक साथ, तभी होगा हमारा देश “महान”.
आरक्षड में, हिस्सों में, वोट बैंक में मत बाटो देश को.
फिरंगियो की थी चाल ” फूट डालो और करो राज़” , सूरत नहीं सीरत दिखाओ भारत के ” पूत ” महान.
आखिर कब हम सब कहेंगे की ” राजनीती” होती नहीं किसी की जमात.
विश्वास पर खरे उतरो देश के “पालनहार”.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh