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भारत में बेटियो को घर का सम्मान माना जाता है, बेटी होना बड़े ही गर्व की बात है, बेटिया सदा ही अपने परिवार से जुडी रहती है. यह वो कड़ी है जो दो परिवारो को जोड़ती है, पर कई बार समाज मैं इसी बेटी पर कई अत्याचार भी होते है. एक बार मोदी जी ने कहा था कहा था यदि आप देश के लिए समाज के लिए कुछ करना चाहते हो, तो छोटी छोटी ज़िम्मेदारियों को छोटी छोटी बातो को नज़रअंदाज़ मत करो, यदि कोई भी व्यक्ति अपना काम अपनी ज़िम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभा रहा है, तो वो देश का सैनिक है?? ऐसा ही कुछ नज़ारा यूपी के मेरठ शहर में 8th अक्टूबर को देखने को मिला जब सॉफ्ट वेयर इंजीनियर खुशबू सक्सेना अपनी सगाई में बगी में बैठ मंडप तक आई, उनका कहना था की उन्हें बहुत गर्व है की उनका ज़न्म एक ऐसे परिवार में हुआ जहाँ बेटियो को घर का मान माना जाता है, उनके माता पिता ने उन्हें भी उसी प्यार सम्मान से बड़ा किया जैसे की अपने बेटे को, उनकी आखो की चमक , मन का विश्वास साफ़ बता रहा था की वो कितनी खुश है, यह विश्वास एक बेटी का है जो उसे अपने माता पिता से मिला. उनके होने वाले जीवन साथी भी टाटा मोटर्स में इंजीनियर है, जो इस बात को पूरी तरह से सपोर्ट कर रहे थे, माता पिता का प्यार बच्चो की ताकत कैसे बनता है यह नज़ारा पहली बार देखने को मिला साथ ही ख़ुशी इस बात की भी है इस समाज अब बदलाब की नीब रक्खी जा चुकी है.. छोटी छोटी बातें ही आने वाले कल को दिशा दे सकती है , सिर्फ कहने को ही नहीं सही मायनो मैं यदि बेटियो को बराबर का दर्ज़ा दिलाना है तो कुछ करना होगा ………………….
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